भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भारत में अपने रियल एस्टेट पोर्टफोलियो के विस्तार के लिए ₹4,500 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। यह रणनीतिक कदम अगले कुछ वर्षों में कंपनी के भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेगा और देशभर में फैले हुए टैलेंट को स्थानीय अवसर उपलब्ध कराएगा।
प्रमुख शहरों में टेक्नोलॉजी हब और स्मार्ट कार्यालय
TCS इस निवेश के जरिए पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, गांधीनगर और नोएडा जैसे शहरों में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी हब और स्मार्ट वर्कप्लेस विकसित करेगी। कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि यह विस्तार सिर्फ कार्यालय भवनों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें पर्यावरण-अनुकूल (green-certified) इमारतों, हाई-स्पीड कनेक्टिविटी, स्मार्ट एनर्जी सिस्टम और डिजिटल सहयोग प्लेटफॉर्म का भी समावेश होगा।
इस परियोजना का उद्देश्य न केवल मौजूदा कर्मचारियों को बेहतर वर्किंग कंडीशंस देना है, बल्कि भविष्य के टैलेंट को आकर्षित करना भी है, खासकर Tier 2 और Tier 3 शहरों से।
हाइब्रिड वर्क कल्चर और डिजिटल अवसंरचना को समर्थन
TCS ने कोविड के बाद कार्यस्थल की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ‘25×25 वर्क मॉडल’ अपनाया है, जिसके तहत कंपनी चाहती है कि 2025 तक 25% कर्मचारी किसी भी समय कार्यालय से काम करें और 25% कार्यस्थल का ही उपयोग हो। इस मॉडल को समर्थन देने के लिए रियल एस्टेट और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का संतुलित विकास आवश्यक है।
₹4,500 करोड़ का यह निवेश इसी विज़न को मूर्त रूप देने का प्रयास है। इन नए कार्यालयों में अत्याधुनिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, साइबर सुरक्षा के लिए मजबूत सेटअप, और रिमोट वर्किंग के लिए ज़रूरी टेक प्लेटफॉर्म शामिल होंगे।
स्थानीय प्रतिभाओं के लिए अवसर और आर्थिक योगदान
TCS का यह विस्तार स्थानीय युवाओं को उनके गृह नगरों में ही रोजगार देने की दिशा में एक अहम कदम है। कंपनी का मानना है कि इससे माइग्रेशन का दबाव कम होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्थाएं भी सशक्त होंगी।
TCS का यह निर्णय भारत में कॉर्पोरेट रियल एस्टेट सेक्टर के प्रति सकारात्मक संकेत देता है और यह स्पष्ट करता है कि टेक्नोलॉजी सेक्टर भारत में दीर्घकालिक रूप से निवेश और विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।