गोपालपुर बंदरगाह के विस्तार के लिए ₹16,554 करोड़ के समझौते: ओडिशा में औद्योगिक क्रांति की ओर कदम

Nitesh Patel
By Nitesh Patel 3 Min Read
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ओडिशा सरकार ने गोपालपुर बंदरगाह के बहु-चरणीय विस्तार के लिए निजी कंपनियों के साथ ₹16,554 करोड़ की लागत वाले कई समझौते किए हैं। इस कदम का उद्देश्य बंदरगाह को आधुनिक बनाने, उसकी क्षमता को बढ़ाने और उसे पूर्वी भारत के प्रमुख औद्योगिक व समुद्री व्यापार केंद्र में बदलने का है। इस निवेश के साथ न केवल बुनियादी ढांचा उन्नत होगा, बल्कि व्यापक स्तर पर रोजगार और औद्योगिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।

बंदरगाह की क्षमता बढ़ेगी ढाई गुना

इस विस्तार के तहत गोपालपुर पोर्ट की मौजूदा 20 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) की हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाकर 50 MTPA तक किया जाएगा। इसमें नए बर्थ्स, गहरे जल के चैनल, मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और उन्नत कंटेनर टर्मिनल जैसी आधुनिक सुविधाओं का निर्माण शामिल है। यह बंदरगाह विशेष रूप से बल्क कार्गो, कंटेनर और खनिज निर्यात के लिए उपयुक्त होगा।

इसके अतिरिक्त, बंदरगाह से लगभग 30 किमी दूर जटाधारी नदी पर एक कैप्टिव जैटी परियोजना का विकास भी ₹2,100 करोड़ के निवेश से किया जा रहा है, जिसे एक प्रमुख निजी स्टील कंपनी द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।

रोजगार और उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

इन परियोजनाओं से ओडिशा में लगभग 8,450 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।

  • गोपालपुर बंदरगाह परियोजना से लगभग 5,000+ रोजगार
  • कैप्टिव जैटी और लॉजिस्टिक टर्मिनल परियोजनाओं से 3,450+ रोजगार

विस्तारित बंदरगाह से सटे क्षेत्रों में नए औद्योगिक पार्क, वेयरहाउसिंग ज़ोन और निर्यात-उन्मुख यूनिट्स के विकास की संभावना भी है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों को भी तेज़ी से पनपने का अवसर मिलेगा।

ओडिशा को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक मानचित्र पर स्थान

यह निवेश ओडिशा को न केवल भारत के पूर्वी तट का लॉजिस्टिक हब बना सकता है, बल्कि राज्य को वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भी एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक ओडिशा के समुद्री निर्यात में 40% की वृद्धि हो।

गोपालपुर बंदरगाह की रणनीतिक स्थिति—विशाखापट्टनम और पारादीप जैसे बंदरगाहों के बीच—उसे भारत-आसियान व्यापार गलियारे का हिस्सा बना सकती है।

गोपालपुर बंदरगाह विस्तार परियोजना ओडिशा की समुद्री, औद्योगिक और आर्थिक प्रगति के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य में व्यापार, निवेश और रोजगार को नए आयाम प्रदान करेगा।

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नितेश पटेल एक समर्पित पत्रकार और Infra News India के संस्थापक हैं। उन्होंने इस डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना भारत में बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं की गहराई से रिपोर्टिंग के उद्देश्य से की। नितेश का लक्ष्य है भारत में चल रही सड़कों, रेलवे, ऊर्जा और शहरी परियोजनाओं से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी को पाठकों तक सरल, विश्वसनीय और तथ्य-आधारित तरीके से पहुँचाना। उनकी लेखनी में तकनीकी समझ, नीतिगत विश्लेषण और आम जनता से जुड़ाव की स्पष्ट झलक मिलती है। वह देश के विकास से संबंधित हर पहलू पर गहरी नजर रखते हैं और इन विषयों पर लगातार शोध और रिपोर्टिंग करते हैं। उनका मानना है कि सूचना का प्रसार ही सशक्त समाज का निर्माण करता है।
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