Mahanadi Coalfields Ltd (MCL) ने घोषणा की है कि वह अगली तीन वर्षों में ₹40,000 करोड़ का निवेश करके 4 GW क्षमता वाले थर्मल पावर प्लांट का निर्माण करेगी। इस विशाल परियोजना से देश में थर्मल ऊर्जा उत्पादन की क्षमता में तेज़ वृद्धि होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
यह आयोजन दो चरणों में होगा—प्रथम चरण में 2 GW का कार्य और दूसरे चरण में बचे हुए 2 GW का कार्य। MCL ने बताया कि बिजली बनाने की इस क्षमता से हर साल लगभग 32 अरब यूनिट की ऊर्जा बनाई जा सकेगी।
निर्माण समयसीमा और स्थान का चुनाव
कंपनी योजना बना रही है कि यह परियोजना अगले तीन वर्षों में पूर्ण हो जाए। निर्माण स्थल के चयन में MCL ने ध्यान रखा है कि यह कोयला स्रोत के निकट एक ऐसा स्थान हो, जिससे परिवहन लागत न्यूनतम रहे और लॉजिस्टिक सुविधाएँ बेहतर हों।
संभावित स्थलों में ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कोयला बेल्ट क्षेत्र शामिल हैं। कंपनी ने कहा है कि पूरी योजना को पर्यावरण नियमों के अनुरूप तैयार किया जाएगा और बीएसई/एनजीटी अनुमोदन शीघ्र लिया जाएगा।
आर्थिक एवं रोजगार पर प्रभाव
₹40,000 करोड़ के निवेश से स्थानीय स्तर पर लाखों रोज़गार सृजित होंगे—निर्माण कार्य, संचालन और अन्य सहायक गतिविधियों में बड़ी संख्या में श्रमिकों की जरूरत होगी।
इसके अतिरिक्त, विद्युत उत्पन्न होने पर औद्योगिक इकाइयों, MSME सेक्टर, व ग्रामीण विकास में भी मदद मिलेगी।
साथ ही, राज्य सरकारों के लिए राजस्व संग्रह में भी महत्वपूर्ण इज़ाफा होगा।
ऊर्जा सुरक्षा और दिशा
देश में बिजली की बढ़ती मांग, विशेष कर औद्योगिकीकरण और डिजिटल अर्थव्यवस्था के चलते, इस निवेश को रणनीतिक कदम माना जा रहा है। 4 GW की क्षमता से ऊर्ज़ा संकट से निपटने के साथ विद्युतीय ग्रिड में स्थिरता भी आएगी।
मध्य-पूर्व से रिफाइनरीकृत ईंधन पर निर्भरता में कमी आएगी और देशीय कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन भी मजबूत होगा।
MCL का ₹40,000 करोड़ का निवेश टर्नकी थर्मल पावर प्लांट की दिशा में मील का पत्थर है। इससे न केवल ऊर्जा क्षमताओं में बृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, श्रम बाजार और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी मजबूती मिलेगी।
यदि यह परियोजना समय पर पूरी होती है, तो भविष्य में भारत की ऊर्जा सुरक्षा और ग्रामीण-शहरी विकास दोनों को बड़ा फायदा होगा।