नई दिल्ली: त्योहारों का मौसम हो या छुट्टियों की प्लानिंग, ट्रेन में कन्फर्म टिकट मिलना किसी लॉटरी जीतने से कम नहीं लगता। सालों से चली आ रही वेटिंग लिस्ट की समस्या से अब जल्द ही छुटकारा मिल सकता है। भारतीय रेलवे ने देश के करोड़ों यात्रियों को एक बड़ी सौगात देने की तैयारी कर ली है। अगले 4 से 5 सालों में रेलवे लगभग 1,000 नई ट्रेनें पटरी पर उतारने की एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है।
इस विशाल योजना का मुख्य उद्देश्य बढ़ती मांग को पूरा करना और “वेटिंग लिस्ट” के कॉन्सेप्ट को लगभग खत्म कर देना है। रेल मंत्रालय का लक्ष्य है कि भविष्य में जब भी कोई यात्री टिकट बुक करे, तो उसे आसानी से कन्फर्म सीट मिल सके। यह कदम भारतीय रेलवे के इतिहास में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
क्यों पड़ी नई ट्रेनों की ज़रूरत?
भारत की आबादी और अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है। मौजूदा ट्रेनों का नेटवर्क इस भारी मांग को पूरा करने में अक्सर असमर्थ साबित होता है, जिसका नतीजा लंबी-लंबी वेटिंग लिस्ट के रूप में सामने आता है। रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, हर साल करोड़ों यात्री वेटिंग लिस्ट के कारण यात्रा नहीं कर पाते। इसी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए रेलवे ने यह बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत, न केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी, बल्कि ट्रैक की क्षमता और सिग्नलिंग सिस्टम को भी अपग्रेड किया जाएगा।
वंदे भारत से लेकर अमृत भारत तक: कैसी होंगी ये नई ट्रेनें?
यह योजना सिर्फ ट्रेनों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने पर भी केंद्रित है। इन 1,000 नई ट्रेनों में कई तरह की ट्रेनें शामिल होंगी, जो हर वर्ग के यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेंगी:
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वंदे भारत एक्सप्रेस: सेमी-हाई-स्पीड वाली इन चेयर-कार और स्लीपर ट्रेनों का विस्तार किया जाएगा, जो आरामदायक और तेज सफर का अनुभव देंगी।
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अमृत भारत एक्सप्रेस: यह आम आदमी के लिए लाई गई एक आधुनिक नॉन-एसी पुश-पुल ट्रेन है, जिसमें बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा मानक हैं। इनकी संख्या में भारी बढ़ोतरी की जाएगी।
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पारंपरिक एक्सप्रेस और मेल ट्रेनें: लंबी दूरी की यात्रा के लिए पारंपरिक स्लीपर और एसी कोच वाली ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि हर रूट पर पर्याप्त विकल्प मौजूद हों।
इस योजना को साकार करने के लिए रेलवे अपनी कोच निर्माण फैक्ट्रियों (जैसे ICF, RCF, MCF) की उत्पादन क्षमता को तेजी से बढ़ा रहा है। उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में हर साल सैकड़ों नए कोच बनकर तैयार होंगे, जिससे नई ट्रेनों को चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा। यह योजना न केवल यात्रियों के लिए बल्कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।