नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर FASTag ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) के जरिए सरकार की कमाई ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इन तीन महीनों में टोल संग्रह 19.6 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल के साथ ₹20,681.87 करोड़ तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा न केवल देश की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों का प्रमाण है, बल्कि FASTag प्रणाली की शानदार सफलता को भी दर्शाता है।
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि अभूतपूर्व है। पिछले साल इसी अवधि (अप्रैल-जून 2023) में टोल देने वाले वाहनों की संख्या 100.98 करोड़ थी, जो इस साल 16.2 प्रतिशत बढ़कर 117.3 करोड़ (1,173 मिलियन) हो गई है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है।
क्यों हुई यह रिकॉर्ड तोड़ कमाई?
इस शानदार प्रदर्शन के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। सबसे बड़ा कारण टोल कलेक्शन प्रक्रिया का पूरी तरह से डिजिटल हो जाना है, जिसने इसे बेहद पारदर्शी और कुशल बना दिया है।
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FASTag की अनिवार्यता: फरवरी 2021 से सभी चार पहिया वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया गया था, जिससे टोल प्लाजा पर नकद लेन-देन लगभग समाप्त हो गया है। इससे टोल चोरी की गुंजाइश खत्म हुई और कलेक्शन में भारी वृद्धि हुई।
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बढ़ाया गया टोल शुल्क: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 1 अप्रैल से देशभर के राजमार्गों पर टोल दरों में औसतन 4 से 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जिसका सीधा असर कुल राजस्व पर पड़ा है।
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बढ़ता ट्रैफिक: आर्थिक गतिविधियों में तेजी और बेहतर सड़कों के कारण वाणिज्यिक और निजी, दोनों तरह के वाहनों की आवाजाही में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
यात्रियों के लिए भी खुशखबरी
टोल से बढ़ी इस कमाई का सीधा फायदा देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में होगा। इसके साथ ही सरकार यात्रियों के सफर को और सुगम बनाने की योजना पर भी काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की है कि सरकार 15 अगस्त से निजी वाहनों के लिए ₹3,000 का वार्षिक FASTag पास लॉन्च कर सकती है। इस पास के जरिए कार, जीप और वैन जैसे गैर-व्यावसायिक वाहन एक साल या 200 यात्राओं तक NHAI द्वारा संचालित टोल प्लाजा पर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के यात्रा कर सकेंगे। हालांकि, यह पास राज्य राजमार्गों या निजी एक्सप्रेसवे पर मान्य नहीं होगा।
यह कदम न केवल बार-बार यात्रा करने वालों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि टोल प्लाजा पर लगने वाले समय को और भी कम कर देगा, जिससे यात्रा और भी तेज और सुविधाजनक बनेगी।