भोपाल: अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के मालिक हैं और ‘हिन्दुस्तान का दिल’ कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की खूबसूरत वादियों में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए एक शानदार खबर है। अब आपको अपनी गाड़ी की चार्जिंग की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होगी। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (MPTB) ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाते हुए अपने सभी होटलों और रिसॉर्ट्स में EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की है।
यह फैसला राज्य में सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंडली टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस पहल के बाद पर्यटक अब बिना किसी रुकावट और ‘रेंज की चिंता’ (Range Anxiety) के राज्य के किसी भी कोने में आसानी से यात्रा कर सकेंगे।
क्यों खास है यह पहल?
मध्य प्रदेश अपने नेशनल पार्कों, टाइगर रिजर्व, ऐतिहासिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। बड़ी संख्या में पर्यटक इन जगहों पर सड़क मार्ग से पहुंचना पसंद करते हैं। हाल के वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन हाईवे और दूर-दराज के पर्यटन स्थलों पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी।
पर्यटन बोर्ड के इस फैसले से इस चुनौती का समाधान होगा। अब पर्यटक कान्हा, बांधवगढ़, पेंच जैसे टाइगर रिजर्व से लेकर खजुराहो, मांडू और ओरछा जैसे ऐतिहासिक स्थलों तक अपनी इलेक्ट्रिक कार से आसानी से पहुंच सकेंगे, क्योंकि उन्हें पर्यटन विभाग के होटलों में रुकने पर चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
पर्यटन और पर्यावरण दोनों को फायदा
इस योजना को लागू करने के लिए, मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड चार्ज प्वाइंट ऑपरेटर्स (CPOs) के साथ साझेदारी कर रहा है। ये ऑपरेटर्स पर्यटन निगम के होटलों और रिसॉर्ट्स में चार्जिंग स्टेशन लगाने और उनके रखरखाव का काम देखेंगे।
- पर्यटकों को सुविधा: इससे पर्यटकों का सफर आसान और चिंता मुक्त होगा।
- कार्बन उत्सर्जन में कमी: यह कदम राज्य में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद करेगा, जिससे पर्यटन स्थल और अधिक स्वच्छ और आकर्षक बनेंगे।
- भविष्य की तैयारी: यह पहल मध्य प्रदेश को भविष्य के यात्रियों के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगी।
पर्यटन विभाग का यह दूरदर्शी कदम न केवल राज्य में पर्यटन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा कि कैसे पर्यटन को पर्यावरण संरक्षण के साथ जोड़ा जा सकता है।