बेंगलुरु मेट्रो रेल विस्तार: शहर की गतिशीलता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी

Nitesh Patel
By Nitesh Patel 6 Min Read
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बेंगलुरु, 4 जून 2025: भारत का सिलिकॉन वैली कहलाने वाला बेंगलुरु अपनी तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या और ट्रैफिक जाम की चुनौतियों से जूझ रहा है। इन समस्याओं से निपटने के लिए नम्मा मेट्रो परियोजना शहर की परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रही है। हाल के अपडेट्स, विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और विभिन्न समाचार स्रोतों पर चल रही चर्चाओं के आधार पर, बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने मेट्रो नेटवर्क के विस्तार में महत्वपूर्ण प्रगति की है। नई लाइनों और स्टेशनों के साथ, बेंगलुरु एक आधुनिक और कुशल मेट्रो सिस्टम की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

विस्तार की वर्तमान स्थिति

बेंगलुरु की नम्मा मेट्रो वर्तमान में 73 किलोमीटर के नेटवर्क पर संचालित हो रही है, लेकिन 2029 तक इसे 220 किलोमीटर तक विस्तार करने का लक्ष्य है। हाल के अपडेट्स के अनुसार, मेट्रो के तीसरे चरण को केंद्र सरकार ने पिछले साल मंजूरी दी थी, जिसमें 44.65 किलोमीटर लंबे दो नए कॉरिडोर और 31 स्टेशनों का निर्माण शामिल है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 15,611 करोड़ रुपये है।

येलो लाइन: तकनीकी केंद्र को जोड़ने की तैयारी

येलो लाइन, जो आर.वी. रोड से बोम्मासandra तक 19 किलोमीटर की दूरी को कवर करती है, बेंगलुरु के आईटी हब इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगी। X पर चर्चाओं और समाचारों के अनुसार, इस लाइन का आंशिक संचालन जून 2025 से शुरू होने की संभावना है, जिसमें तीन ट्रेनें हर 30 मिनट पर चलेंगी। पूरी तरह से संचालन अगस्त-सितंबर 2025 तक शुरू हो सकता है। इस लाइन की खासियत यह है कि यह बेंगलुरु की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो होगी, जो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करेगी। हालांकि, शुरुआत में लोको पायलट ट्रेनों की निगरानी करेंगे।

पिंक लाइन: उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी

पिंक लाइन, जो कैलेना अग्रहारा से नागवारा तक 21.25 किलोमीटर तक फैली है, शहर के उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। यह लाइन फेज-2 का हिस्सा है और इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण, जिसमें 13.92 किलोमीटर का हिस्सा और 12 स्टेशन शामिल हैं, दिसंबर 2026 तक चालू होने की उम्मीद है। इस लाइन में जयदेवा हॉस्पिटल और आईआईएम-बेंगलुरु जैसे प्रमुख स्थानों को जोड़ा जाएगा, जिससे दैनिक यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।

ब्लू लाइन: आईटी कॉरिडोर के लिए वरदान

ब्लू लाइन, जो सेंट्रल सिल्क बोर्ड से केआर पुरा तक 18 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगी, मध्य 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है। यह लाइन बाहरी रिंग रोड (ORR) और शहर के प्रमुख आईटी कॉरिडोर को जोड़ेगी, जिससे हजारों यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा।

ग्रीन लाइन विस्तार: तुमकुरु तक मेट्रो

एक रोमांचक विकास के रूप में, BMRCL ने ग्रीन लाइन को मडवारा से तुमकुरु तक 59 किलोमीटर तक विस्तार करने का प्रस्ताव रखा है। यह कर्नाटक का पहला अंतर-शहरी मेट्रो प्रोजेक्ट होगा, जिसमें 25 स्टेशन होंगे। यह परियोजना बेंगलुरु और तुमकुरु के बीच 2 घंटे की सड़क यात्रा को काफी कम कर देगी।

चुनौतियां और समाधान

मेट्रो विस्तार की प्रगति के बावजूद, कई चुनौतियां सामने आई हैं। येलो लाइन को कोच की आपूर्ति में देरी के कारण बार-बार स्थगित करना पड़ा है। 2019 में चीनी कंपनी CRRC को 216 कोच की आपूर्ति का ठेका दिया गया था, लेकिन देरी के कारण BMRCL को कोलकाता की तितागढ़ रेल सिस्टम्स के साथ साझेदारी करनी पड़ी। इसके अलावा, हाल ही में कोगिलु क्रॉस पर एक मेट्रो गर्डर के गिरने से एक ऑटोरिक्शा चालक की मौत हो गई, जिसने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर सवाल उठाए हैं। BMRCL ने इन मुद्दों को हल करने के लिए कड़े कदम उठाने का वादा किया है।

X पर कुछ उपयोगकर्ताओं ने मेट्रो के तीसरे चरण और उपनगरीय रेल कॉरिडोर में देरी को लेकर चिंता जताई है। इसके बावजूद, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आश्वासन दिया है कि नम्मा मेट्रो “बेंगलुरु की जीवनरेखा” है और विस्तार योजनाएं प्रगति पर हैं।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

नम्मा मेट्रो का विस्तार न केवल ट्रैफिक की भीड़ को कम करेगा, बल्कि शहर के रियल एस्टेट बाजार को भी बढ़ावा देगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नई लाइनों के आसपास के क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतें और किराए में 20-30% की वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, मेट्रो का विस्तार रोजगार सृजन और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देगा, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी और बाहरी रिंग रोड जैसे क्षेत्रों में।

भविष्य की योजनाएं

2031 तक, कर्नाटक सरकार का लक्ष्य बेंगलुरु में 317 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क स्थापित करना है। इसके साथ ही, मेट्रो जैसी उपनगरीय रेल (K-RIDE) परियोजना 2027-2028 तक 148 किलोमीटर के नेटवर्क को जोड़ेगी। ये योजनाएं बेंगलुरु को भारत के सबसे उन्नत परिवहन नेटवर्क वाले शहरों में से एक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

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