नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को ट्रैफिक जाम की भयावह समस्या से निजात दिलाने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार ने हाथ मिलाया है। एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, दोनों सरकारों ने मिलकर 27,000 करोड़ रुपये की एक महत्वाकांक्षी योजना का अनावरण किया है, जिसके अंतर्गत 128 किलोमीटर लंबे सड़क नेटवर्क का विकास और सुदृढीकरण किया जाएगा। इस विशाल परियोजना का उद्देश्य दिल्ली की सड़कों पर वाहनों के बोझ को कम करना और यात्रा को सुगम बनाना है।
यह महायोजना दिल्ली के निवासियों के लिए एक नई सुबह की उम्मीद लेकर आई है, जो अक्सर घंटों ट्रैफिक में फंसे रहते हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य को अंजाम देगा, जबकि दिल्ली सरकार भूमि अधिग्रहण, आवश्यक मंजूरियां दिलाने और निर्माण के दौरान यातायात प्रबंधन में सहयोग करेगी।
इन प्रमुख परियोजनाओं से बदलेगी दिल्ली की तस्वीर
इस व्यापक योजना में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं जो दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी। इनमें कुछ प्रमुख हैं:
- शहरी विस्तार सड़क-II (UER-II) का विस्तार: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद से जोड़ने के लिए UER-II का 65 किलोमीटर लंबा पूर्वी विस्तार किया जाएगा।
- टनल और एलिवेटेड कॉरिडोर: महिपालपुर और नेल्सन मंडेला मार्ग के बीच एक 5 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, एम्स से फरीदाबाद रोड तक 20 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा, जो दक्षिण और मध्य दिल्ली में यातायात को सुगम बनाएगा।
- एक्सप्रेसवे का विस्तार: दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का 20 किलोमीटर का विस्तार भी इस योजना का हिस्सा है।
- नए इंटरचेंज: कालिंदी कुंज में एक नया इंटरचेंज बनाया जाएगा, जिससे दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद के बीच आवाजाही आसान हो जाएगी।
जाम और प्रदूषण दोनों से मिलेगी राहत
इन परियोजनाओं का मुख्य लक्ष्य लंबी दूरी के ट्रैफिक को दिल्ली के मध्य हिस्सों से बाहर निकालना है, जिससे एनएच-44 और एनएच-48 जैसे प्रमुख राजमार्गों पर दबाव कम होगा। अधिकारियों का मानना है कि इन नए सड़क नेटवर्कों के बनने से न केवल यात्रा के समय में कमी आएगी, बल्कि वायु प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट देखने को मिलेगी।
इस योजना के तहत परियोजनाओं पर काम 2025 से चरणबद्ध तरीके से शुरू होने की उम्मीद है और 2027 तक इन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र और राज्य सरकार के बीच यह सहयोग दिल्ली के बुनियादी ढांचे के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे लाखों लोगों का दैनिक जीवन बेहतर होगा।