शिमला, 24 जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने विकास परियोजनाओं को गति दी है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में करोड़ों रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। यह कदम प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि लाने और लोगों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
करोड़ों की परियोजनाओं की सौगात
अर्की विधानसभा क्षेत्र में विधायक संजय अवस्थी ने ‘विधायक आपके द्वार’ कार्यक्रम के दौरान लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें संपर्क मार्गों और आयुष्मान आरोग्य मंदिर जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने दिग्गल में 15 लाख रुपये की लागत से बनने वाले खेल मैदान की आधारशिला भी रखी। इन परियोजनाओं से स्थानीय निवासियों को बेहतर आवागमन और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
इसके अतिरिक्त, विधायक ने बताया कि अर्की विधानसभा क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तहत 9.98 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इन योजनाओं में उठाऊ सिंचाई और पेयजल परियोजनाएं शामिल हैं, जिनसे क्षेत्र की कृषि और पेयजल समस्या का समाधान होगा।
केंद्र सरकार से भी मिली आर्थिक मदद
ग्रामीण विकास की गति को और तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने भी हिमाचल प्रदेश को महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान की है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने हाल ही में जानकारी दी कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत राज्य के लिए पहले चरण में 201 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। इस राशि से पंचायतों में मनरेगा के तहत होने वाले छोटे-बड़े विकास कार्यों में तेजी आएगी, जिससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
यह केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों का प्रतीक है, जिसका लक्ष्य प्रदेश के दूर-दराज के गांवों तक विकास की लहर पहुंचाना है। सरकार का ध्यान न केवल नई सड़कों और पुलों का निर्माण करने पर है, बल्कि किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भी नवीन योजनाएं लागू की जा रही हैं। उदाहरण के लिए, सरकार ने गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹45 से बढ़ाकर ₹51 और भैंस के दूध का ₹55 से बढ़ाकर ₹61 प्रति लीटर कर दिया है, जिससे पशुपालकों को सीधा लाभ मिल रहा है।
इन विकास कार्यों और योजनाओं से यह स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में इन परियोजनाओं के धरातल पर उतरने से प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।