अहमदाबाद, 11 जून 2025: गुजरात में बुनियादी ढांचे के विकास में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। 109 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जो अहमदाबाद को भारत की पहली ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, धोलेरा से जोड़ेगा, मई 2025 तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। इस परियोजना के 91% से अधिक कार्य पूरे हो चुके हैं, और अंतिम चरण में लेन मार्किंग, क्रैश बैरियर स्थापना, और रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शामिल है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
यह चार-लेन का एक्सप्रेसवे, जिसे भविष्य में 12 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। यह दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) का हिस्सा है और इसका कुल लागत 4,373 करोड़ रुपये है। इसकी डिज़ाइन गति 120 किमी/घंटा है, जो अहमदाबाद और धोलेरा के बीच यात्रा समय को मौजूदा ढाई घंटे से घटाकर मात्र 40-45 मिनट कर देगी।
एक्सप्रेसवे सरदार पटेल रिंग रोड, सरखेज (अहमदाबाद) से शुरू होकर धोलेरा स्पेशल इनवेस्टमेंट रीजन (DSIR) और नवागाम में प्रस्तावित धोलेरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ता हुआ भव Nagar जिले के अधेलाई गांव तक जाता है। इसके रास्ते में आठ प्रमुख इंटरचेंज हैं, जिनमें पिपली इंटरचेंज विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह धोलेरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 9.56 किमी की लिंक रोड से जुड़ेगा।
निर्माण की प्रगति और चुनौतियां
मार्च 2025 तक, परियोजना 91% पूर्ण हो चुकी है, जिसमें सरखेज में डायमंड इंटरचेंज और अधेलाई इंटरचेंज पहले ही उपयोग में लाए जा चुके हैं। सड़क के किनारे क्रैश बैरियर, स्ट्रीटलाइट्स, और साइनेज का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि लेन मार्किंग और सड़क किनारे वृक्षारोपण जैसे अंतिम कार्य चल रहे हैं। एक 1.5 किमी लंबा रेलवे ओवरब्रिज, जिसमें 700 मीटर का उन्नत खंड शामिल है, भी निर्माण के अंतिम चरण में है।
हालांकि, परियोजना को 2023 में भारी बारिश और शुरुआती भूमि अधिग्रहण विवादों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। NHAI और ठेकेदारों ने इन बाधाओं को पार करते हुए परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव
यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा समय को कम करेगा, बल्कि धोलेरा SIR को एक वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। यह क्षेत्र पहले से ही माल रेल, मेट्रो कनेक्टिविटी, और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ एकीकृत हो रहा है। परियोजना में पर्यावरणीय स्थिरता पर भी ध्यान दिया गया है, जिसमें सड़क किनारे वृक्षारोपण, वन्यजीव क्रॉसिंग, और 20 लाख मीट्रिक टन ठोस कचरे और 25 लाख मीट्रिक टन राख का पुनर्चक्रण शामिल है।
रियल एस्टेट विकास के लिए भी इस एक्सप्रेसवे के आसपास की संभावनाएं बढ़ रही हैं। 2025-26 तक, धोलेरा और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है, जिससे किराये की आय और संपत्ति की मांग में वृद्धि होगी।
जैसा कि गुजरात के उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने मार्च 2025 में विधानसभा में बताया, यह एक्सप्रेसवे मई 2025 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा। यह परियोजना गुजरात की प्रगति और नवाचार के दृष्टिकोण का प्रतीक है, जो इसे निवेशकों, उद्योगपतियों और यात्रियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाएगा।
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं है, बल्कि गुजरात और भारत के लिए एक नया विकास का द्वार है। जैसे-जैसे यह परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है, यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास, और टिकाऊ बुनियादी ढांचे के लिए एक नया मानक स्थापित कर रही है।