गुवाहाटी: असम में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की नींव रखते हुए, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके तहत, विश्व बैंक की सहायता से ₹2,750 करोड़ का ऋण लेकर राज्य भर के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प किया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य प्रदेश में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को एक नया और आधुनिक रूप देना है, जिससे लाखों बच्चों का भविष्य संवरेगा।
डिब्रूगढ़ में हुई कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री सरमा ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की। उन्होंने बताया कि “असम स्कूल शिक्षा एवं किशोर कल्याण परियोजना” (Assam School Education and Adolescent Wellbeing Project) नामक इस पहल के माध्यम से प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत प्राप्त ऋण का 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा चुकाया जाएगा, जबकि शेष 10 प्रतिशत का वहन असम सरकार करेगी।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल और आंगनवाड़ी
इस परियोजना के अंतर्गत राज्य में 400 नए स्कूलों का निर्माण और 1,733 आंगनवाड़ी केंद्रों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल के बुनियादी ढांचे के विकास पर 3 से 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, वहीं हर आंगनवाड़ी केंद्र को आधुनिक बनाने के लिए 25 लाख रुपये आवंटित किए जाएंगे। इन संस्थानों को आधुनिक कक्षाओं, प्रशिक्षित शिक्षकों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान देने वाली सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इस कदम से न केवल सीखने-सिखाने का माहौल बेहतर होगा, बल्कि बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार किया जा सकेगा।
शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर
सरकार का ध्यान केवल इमारतों के निर्माण पर ही नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर भी है। इस परियोजना में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया गया है। गणित और विज्ञान जैसे विषयों के लिए शिक्षकों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रिंसिपलों को बेहतर प्रबंधन के लिए नेतृत्व विकास कार्यक्रम भी प्रदान किए जाएंगे, ताकि वे अपने संस्थानों का प्रभावी ढंग से संचालन कर सकें। सरकार का लक्ष्य इस पहल के माध्यम से किशोरों में स्कूल छोड़ने की दर को कम करना भी है।
यह विशाल निवेश असम में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। उम्मीद है कि आधुनिक बुनियादी ढांचे और बेहतर प्रशिक्षण के माध्यम से राज्य के युवा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहतर रूप से तैयार होंगे, जिससे असम के सामाजिक-आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी।