नई दिल्ली: भारत में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर पर हुए ट्रायल रन के दौरान ‘नमो भारत’ ट्रेन ने पहली बार 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल की है। यह भारत में किसी भी ब्रॉड-गेज लाइन पर चलने वाली किसी भी ट्रेन द्वारा हासिल की गई अब तक की सबसे तेज गति है, जो देश के लिए एक गौरव का क्षण है।
यह सफल परीक्षण गाजियाबाद के दुहाई डिपो से मेरठ साउथ स्टेशन के बीच नवनिर्मित खंड पर किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC), जो इस परियोजना का संचालन कर रहा है, ने इस उपलब्धि को देश के आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास में एक मील का पत्थर बताया है। इस ट्रायल रन का उद्देश्य ट्रेन के सभी तकनीकी पहलुओं और ट्रैक की क्षमता को उच्च गति पर परखना था, जिसमें यह पूरी तरह सफल रही।
सफर में क्रांति: 1 घंटे से भी कम में दिल्ली से मेरठ
इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा के समय में आने वाली भारी कमी है। वर्तमान में, सड़क मार्ग से दिल्ली से मेरठ पहुंचने में 2 से 3 घंटे लगते हैं, जो ट्रैफिक के समय और भी बढ़ जाता है। लेकिन RRTS के पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद यह दूरी 60 मिनट से भी कम समय में तय की जा सकेगी। 160 किमी/घंटा की ऑपरेशनल स्पीड और हर 5-10 मिनट में ट्रेन की उपलब्धता के साथ, यह लाखों दैनिक यात्रियों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।
क्या हैं ‘नमो भारत’ ट्रेन की खूबियां?
‘नमो भारत’ ट्रेनें सिर्फ रफ्तार में ही नहीं, बल्कि सुविधाओं में भी विश्व स्तरीय हैं। ये ट्रेनें पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में निर्मित की गई हैं। इनमें यात्रियों के आराम और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है:
- आधुनिक कोच: आरामदायक सीटें, लगेज रैक, और खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह।
- सुरक्षा: हर कोच में सीसीटीवी कैमरे, आपातकालीन संचार सुविधाएं।
- प्रीमियम क्लास: एक कोच प्रीमियम क्लास के लिए आरक्षित है, जिसमें अधिक आरामदायक सीटें और विशेष सुविधाएं हैं।
- वाई-फाई: यात्रियों को यात्रा के दौरान निर्बाध इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी।
यह परियोजना न केवल दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के लोगों के जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। फिलहाल, इसका 17 किलोमीटर का प्राथमिकता वाला खंड (साहिबाबाद से दुहाई) आम लोगों के लिए चालू है और पूरे 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के 2025 तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है।