भारत में डिजिटल नेटवर्क की तेजी से बढ़ती मांग के बीच, Digital Infrastructure Providers Association (DIPA) और Vodafone Idea ने मिलकर एक ऐसी रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, जो देश में हरित और ऊर्जा-सक्षम दूरसंचार अवसंरचना की नींव रखने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य है—सतत विकास, ऊर्जा दक्षता, और रिमोट क्षेत्रों तक विश्वसनीय कनेक्टिविटी प्रदान करना।
क्या है इस हरित पहल की रूपरेखा?
साझेदारी के तहत देशभर में Vodafone Idea के टेलीकॉम टावरों पर सोलर पैनल, लिथियम-आयन बैटरी, और स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएंगी। इन टावरों को डीजल जनरेटर से मुक्त किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव में भारी कमी आएगी।
इसका एक अन्य प्रमुख पहलू यह भी है कि नई पीढ़ी की 4G और 5G साइट्स को इसी हरित ऊर्जा प्रणाली से जोड़ने की योजना है, जिससे नेटवर्क विस्तार के साथ-साथ टिकाऊपन भी सुनिश्चित हो सके।
ऊर्जा बचत और पर्यावरणीय प्रभाव
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बिजली खपत में 30–35% की कमी की संभावना
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कार्बन उत्सर्जन में हजारों टन की वार्षिक गिरावट
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डीजल पर निर्भरता लगभग शून्य तक लाना
साथ ही, AI-आधारित एनर्जी ऑप्टिमाइज़ेशन तकनीकों की मदद से बैकअप समय को बढ़ाया जाएगा और परिचालन लागत में भी उल्लेखनीय गिरावट संभव होगी।
दूरदराज़ क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण
यह साझेदारी विशेष रूप से ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, जहां बिजली की पहुंच सीमित है। सौर ऊर्जा से संचालित टावर इन इलाकों में न केवल नेटवर्क कवरेज बढ़ाएंगे, बल्कि डिजिटल सेवाओं—जैसे ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, डिजिटल बैंकिंग—को भी सुलभ बनाएंगे।
DIPA और Vodafone Idea का मानना है कि यह मॉडल भारत को 2050 तक नेट-ज़ीरो कार्बन लक्ष्य की ओर ले जाने में योगदान देगा।