नई दिल्ली, 11 जून 2025: भारत ने शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि देश का मेट्रो नेटवर्क अब 23 शहरों में 1000 किलोमीटर से अधिक तक फैल चुका है। यह उपलब्धि भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो शहरी गतिशीलता को बढ़ावा दे रही है और लाखों लोगों के लिए आवागमन को आसान बना रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को “बुनियादी ढांचे की क्रांति” का हिस्सा बताया है, जो न केवल शहरों को आपस में जोड़ रही है, बल्कि नागरिकों के जीवन को और सुगम बना रही है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे महानगरों के साथ-साथ लखनऊ, कोच्चि, जयपुर और अहमदाबाद जैसे उभरते शहरों में मेट्रो सेवाएं अब आम लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।
इस विस्तार ने न केवल यात्रा के समय को कम किया है, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। मेट्रो ट्रेनें, जो इलेक्ट्रिक ऊर्जा पर चलती हैं, कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो नेटवर्क का यह विस्तार भारत के स्मार्ट सिटी मिशन और हरित भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत का मेट्रो नेटवर्क अब प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है। दिल्ली मेट्रो, जो इस नेटवर्क का सबसे बड़ा हिस्सा है, अकेले ही प्रतिदिन 60 लाख से अधिक यात्रियों को ढोती है। अन्य शहरों में भी मेट्रो की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, जिससे सड़क यातायात और भीड़भाड़ में कमी आ रही है।
सरकार ने भविष्य में मेट्रो नेटवर्क को और विस्तार देने की योजना बनाई है, जिसमें टियर-2 और टियर-3 शहरों को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, मेट्रो प्रणाली में डिजिटल टिकटिंग, वाई-फाई कनेक्टिविटी और स्वचालित ट्रेन संचालन जैसी आधुनिक तकनीकों को शामिल करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
यह उपलब्धि भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के सहयोग का भी परिणाम है। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने इस विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नागरिकों ने भी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। दिल्ली के एक यात्री, राहुल शर्मा ने कहा, “मेट्रो ने मेरी रोजमर्रा की जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है। अब मैं समय पर ऑफिस पहुंचता हूं और ट्रैफिक की चिंता नहीं रहती।” इसी तरह, बेंगलुरु की एक छात्रा, प्रिया राव ने बताया, “मेट्रो सस्ती और सुरक्षित है, जिससे हमें कॉलेज जाने में बहुत सुविधा होती है।”
भारत का यह मेट्रो नेटवर्क न केवल शहरी परिवहन को बदल रहा है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास में भी योगदान दे रहा है। आने वाले वर्षों में, यह नेटवर्क और अधिक शहरों को जोड़ेगा, जिससे भारत का शहरी परिदृश्य और भी समृद्ध होगा।