नई दिल्ली, 13 जून 2025: भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति में पिछले एक दशक में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। 2014-15 में जहां प्रति दिन 12.1 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण होता था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 33.8 किलोमीटर प्रति दिन हो गया है, जो 180% से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह उपलब्धि केंद्र सरकार की बुनियादी ढांचा विकास पर केंद्रित नीतियों और बढ़ते निवेश का परिणाम है।
निर्माण में रिकॉर्ड वृद्धि
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 12,349 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया, जो देश के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा वार्षिक निर्माण है। सबसे अधिक निर्माण 2020-21 में दर्ज किया गया था, जब 13,327 किलोमीटर राजमार्ग बनाए गए, यानी 36.5 किमी/दिन। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 2023-24 में 6,644 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया, जो 6,544 किलोमीटर के लक्ष्य से अधिक है।
विजन 2047 और भारतमाला परियोजना
भारत सरकार ने भारतमाला परियोजना और विजन 2047 के तहत राजमार्ग नेटवर्क के विस्तार को प्राथमिकता दी है। भारतमाला परियोजना, जो 2017 में शुरू हुई थी, 83,677 किलोमीटर नए राजमार्गों के निर्माण का लक्ष्य रखती है। इसके प्रथम चरण में 34,800 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत 5.35 लाख करोड़ रुपये है। इसके अलावा, विजन 2047 के तहत 2037 तक 50,000 किलोमीटर उच्च गति वाले राजमार्गों का निर्माण करने की योजना है, जिसमें 18,637 किलोमीटर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
निवेश और निजी भागीदारी
केंद्र सरकार ने सड़क और राजमार्ग विकास के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए MoRTH को 2.87 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.41% अधिक है। इसके अलावा, निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (TOT) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) मॉडल को बढ़ावा दिया है। 2025-26 में 30,000 करोड़ रुपये की मोनेटाइजेशन की उम्मीद है, जिसमें से 15,000 करोड़ रुपये TOT और 15,000 करोड़ रुपये InvIT के माध्यम से जुटाए जाएंगे।
आगामी परियोजनाएं और चुनौतियां
2025 में कई प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है, जिनमें दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-देहरादून, और बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इसके अलावा, 1,100 किलोमीटर उत्तर-पूर्वी राज्यों में और 750 किलोमीटर जनजातीय क्षेत्रों में राजमार्ग निर्माण की योजना है। हालांकि, 2024-25 में निर्माण की गति में कमी देखी गई, जिसमें फरवरी 2025 तक केवल 8,330 किलोमीटर राजमार्ग बनाए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। यह कमी मुख्य रूप से मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और परियोजना स्वीकृति में देरी के कारण है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है, बल्कि माल ढुलाई की लागत में कमी, व्यापार में वृद्धि, और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिला है। 2014 से 2024 तक राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,287 किलोमीटर से बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो गई है, जो 60% की वृद्धि दर्शाती है। यह बुनियादी ढांचा विकास भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को समर्थन देता है।