केंद्र ने 6,405 करोड़ रुपये की रेलवे दोहरीकरण परियोजनाओं को दी मंजूरी

Nitesh Patel
By Nitesh Patel 3 Min Read
3 Min Read

नई दिल्ली, 13 जून 2025: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में दो महत्वपूर्ण रेलवे दोहरीकरण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 6,405 करोड़ रुपये है, जो भारतीय रेल नेटवर्क को 318 किलोमीटर तक विस्तारित करेंगी। ये परियोजनाएं कोडरमा-बरकाकाना (झारखंड) और बल्लारी-चिकजाजुर (कर्नाटक और आंध्र प्रदेश) रेल खंडों के दोहरीकरण से संबंधित हैं।

कोडरमा-बरकाकाना दोहरीकरण परियोजना

पहली परियोजना 133 किलोमीटर लंबी कोडरमा-बरकाकाना रेल लाइन के दोहरीकरण की है, जिसकी लागत 3,063 करोड़ रुपये है। यह रेल खंड झारखंड के प्रमुख कोयला उत्पादन क्षेत्र से होकर गुजरता है और पटना-रांची के बीच सबसे छोटा और कुशल रेल संपर्क प्रदान करता है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना 938 गांवों और लगभग 15 लाख लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह परियोजना झारखंड के कोडरमा, चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ जिलों को जोड़ेगी।

बल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण परियोजना

दूसरी परियोजना 185 किलोमीटर लंबी बल्लारी-चिकजाजुर रेल लाइन के दोहरीकरण की है, जिसकी लागत 3,342 करोड़ रुपये है। यह रेल खंड कर्नाटक के बल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों तथा आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरता है। यह परियोजना मंगलौर बंदरगाह को सिकंदराबाद से जोड़ेगी और लौह अयस्क, कोकिंग कोल, तैयार स्टील और उर्वरकों के परिवहन में सहायता करेगी। यह परियोजना तीन वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल यातायात सुविधा बढ़ाएंगी बल्कि लॉजिस्टिक लागत को कम करेंगी, तेल आयात को घटाएंगी और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेंगी। कोडरमा-बरकाकाना परियोजना से होने वाला कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषण सात करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा। ये परियोजनाएं 1,408 गांवों और लगभग 28.19 लाख लोगों को लाभ पहुंचाएंगी।

पीएम-गति शक्ति योजना के तहत विकास

ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत विकसित की जा रही हैं, जो बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने और माल ढुलाई की भीड़ को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इन परियोजनाओं से कोयला, सीमेंट, स्टील और पेट्रोलियम जैसे वस्तुओं के परिवहन में 49 मिलियन टन प्रति वर्ष की वृद्धि होने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार का यह कदम रेलवे नेटवर्क के विस्तार और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो भारत की आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता को समर्थन देगा।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *