लगभग तीन साल पहले एनएचएलएमएल और कटरा डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कटरा इंटर‑मॉडल स्टेशन के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन अब तक फूड़ी हुई जमीन पर भी काम का कोई प्रारंभ नहीं हुआ है।
वित्त विभाग ने इस परियोजना के वित्तीय मॉडल पर सवाल उठाए हैं, जिसकी वजह से अनुमोदन में देरी जारी है। रिपोर्टों में कहा गया है कि मंत्रालय और वित्तीय हितधारकों के बीच बैलेंस शीट के प्रदर्शन, पूंजी संरचना, और लागत-लाभ विश्लेषण पर स्पष्टता की कमी है।
ईपीसी मोड में ठप पड़ा काम
चयनित निर्माण मोड Engineering‑Procurement‑Construction (EPC) के तहत, यह प्रोजेक्ट करीब ₹425 करोड़ की अनुमानित लागत से शुरू होने वाला था। लेकिन अभी तक कोई टेंडर awarded नहीं हुआ है।
ओपन टेंडर की तिथियाँ—जो अगस्त 2024 में शुरू होनी थीं—में बार-बार संशोधन होते रहे और आज भी अंतिम अनुबंध पर हस्ताक्षर होना बाकी है।
स्थानीय स्तर पर यह परियोजना कटरा के मौजूदा रेलवे और रोड नेटवर्क को रेल, सड़क, हवाई और बस कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम करेगी।
यात्रियों और तीर्थयात्रियों की चाह, लेकिन इंतज़ार जारी
इंटर‑मॉडल स्टेशन कटरा को माता वैष्णो देवी और अमरनाथ यात्रियों के लिए सहज कनेक्टिविटी हब में बदलने की योजना है। इसमें हेलिपैड, इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल, रोड-रेल टрансफर पॉइंट्स, और यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।
हालांकि इसकी प्रमुख भूमिका वही बनेगी जो हाल ही में खुली जम्मू‑बारामूला रेल लिंक और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में देखी गई—इसे पूरी तरह लागू करने के लिए वन-स्टॉप ट्रांजिट सुविधा की ज़रूरत है।
कैटर में इंटर-मॉडल स्टेशन की महत्वाकांक्षी परियोजना वित्तीय मंजूरी और टेंडर प्रक्रिया की अड़चनों के चलते स्थिरावस्था में है।
बिनियोजन मंजूरी, ईपीसी टेंडर जारी नहीं होना एवं वित्तीय मॉडल की अस्पष्टता जिस गति से काम प्रभावित कर रही है, वह यात्रियों और स्थानीय विकास की संतुष्टि को प्रभावित कर रही है।
आगामी महीनों में यदि इस परियोजना की वित्तीय योजना को अंतिम रूप देकर टेंडर प्रक्रिया तेज़ की जाती है, तो कटरा और आसपास के इलाकों को समेकित परिवहन ढांचे का लाभ मिल सकता है।