बेंगलुरु, 11 जून 2025: कर्नाटक में रेल कनेक्टिविटी को क्रांतिकारी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, मंगलुरु-बेंगलुरु हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य मंगलुरु और बेंगलुरु के बीच यात्रा समय को मौजूदा 6 घंटे से घटाकर केवल 2.5 घंटे करना है, जिससे यात्रियों को तेज और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
परियोजना का विवरण
राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) इस परियोजना का प्रबंधन कर रहा है। यह कॉरिडोर 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन को सपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का कार्य शुरू हो चुका है, और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। यह परियोजना न केवल कर्नाटक के दो प्रमुख शहरों को जोड़ेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
मंगलुरु-बेंगलुरु हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह परियोजना कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों और तकनीकी हब बेंगलुरु के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों ने इस परियोजना का स्वागत किया है, क्योंकि इससे यात्रा समय में कमी आएगी और माल ढुलाई की लागत भी कम होगी।
टेंडर प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। परियोजना के लिए आवश्यक अनुमोदन और पर्यावरणीय मंजूरी भी प्रक्रिया में हैं। सरकार ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है, और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सभी हितधारकों के साथ समन्वय किया जा रहा है।
यह परियोजना भारत के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंगलुरु-बेंगलुरु कॉरिडोर न केवल कर्नाटक के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।