नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कर्नाटक में कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा देते हुए एक महत्वपूर्ण फैसले को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-87 (अब NH-275) के मैसूरु-कुशालनगर खंड को चार-लेन में अपग्रेड करने की परियोजना को हरी झंडी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1,853.22 करोड़ रुपये है।
इस फैसले से मैसूरु और कूर्ग (कोडागु) जिले के बीच यात्रा करने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यह राजमार्ग न केवल इन दो महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ता है, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक जीवनरेखा भी है। लंबे समय से इस मार्ग के चौड़ीकरण की मांग की जा रही थी, जिसे अब केंद्र सरकार ने पूरा कर दिया है।
पर्यटन और कनेक्टिविटी को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
यह परियोजना कर्नाटक के विकास, खासकर पर्यटन क्षेत्र के लिए, एक मील का पत्थर साबित होगी। कुशालनगर, कूर्ग जिले का प्रवेश द्वार है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, कॉफी के बागानों और शांत वातावरण के लिए एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। वर्तमान में, संकरी सड़क और बढ़ते ट्रैफिक के कारण मैसूरु से कुशालनगर तक का सफर काफी समय लेने वाला और थकाऊ होता है।
इस राजमार्ग के चार-लेन में अपग्रेड हो जाने के बाद यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, जिससे पर्यटकों का अनुभव बेहतर होगा। इससे कूर्ग, मैसूरु और मंगलुरु के बीच कनेक्टिविटी में भी क्रांतिकारी सुधार आएगा। सुरक्षित और तेज यात्रा से इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
परियोजना की मुख्य बातें और लागत
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) के तहत कार्यान्वित की जाएगी। इस परियोजना के तहत लगभग 48.247 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। परियोजना की कुल पूंजीगत लागत 1,853.22 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण और अन्य पूर्व-निर्माण गतिविधियों की लागत भी शामिल है।
सरकार का लक्ष्य इस परियोजना को 24 महीने (2 साल) की निर्माण अवधि के भीतर पूरा करना है। यह परियोजना न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि सड़क सुरक्षा मानकों को भी बढ़ाएगी, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। यह कदम केंद्र सरकार की देश भर में विश्व स्तरीय सड़क बुनियादी ढांचा तैयार करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस फैसले से कर्नाटक के लोगों में खुशी की लहर है और वे जल्द से जल्द इस परियोजना के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।