नई दिल्ली, 11 जून 2025: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपनी पहली ‘सड़क क्षेत्र के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति’ के तहत ₹1.4 लाख करोड़ से अधिक की राशि जुटाकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह राशि टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (TOT), इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs), और प्रतिभूतिकरण मॉडल जैसे नवाचारों के माध्यम से जुटाई गई है, जो भारत के सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
केंद्र सरकार की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) के तहत, NHAI ने 6,100 किलोमीटर से अधिक के राजमार्गों का मुद्रीकरण किया है। इस रणनीति का उद्देश्य परिचालन में मौजूद राष्ट्रीय राजमार्गों की संपत्तियों का मूल्य अनलॉक करना और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देना है। इस पहल ने न केवल पूंजी जुटाई है, बल्कि NHAI की वित्तीय स्थिति को मजबूत करते हुए नए राजमार्गों के विकास में भी योगदान दिया है।
मुद्रीकरण की रणनीति और उपलब्धियां
NHAI ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स के लिए प्रतिभूतिकरण के माध्यम से ₹40,000 करोड़ जुटाए, जो कुल राशि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, चार दौर की InvIT बोली के माध्यम से ₹43,638 करोड़ और 11 TOT बंडलों के माध्यम से ₹49,000 करोड़ जुटाए गए। ये फंड नए राजमार्गों के निर्माण और मौजूदा बुनियादी ढांचे के उन्नयन में निवेश किए जा रहे हैं, जिससे NHAI की सामान्य बजट पर निर्भरता कम हो रही है।
भविष्य की योजनाएं
NHAI ने अपनी रणनीति को और मजबूत करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) में 24 राजमार्ग परिसंपत्तियों, जो 1,472 किलोमीटर तक फैली हैं, के मुद्रीकरण की योजना बनाई है। इसके लिए ₹30,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें TOT और InvIT मॉडल के माध्यम से ₹15,000 करोड़ प्रत्येक शामिल हैं। साथ ही, सरकार ने अगले पांच वर्षों में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन-II (NMP-II) के तहत ₹3.5 लाख करोड़ जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस मुद्रीकरण रणनीति से न केवल सड़क बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, बल्कि यह रोजगार सृजन और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा दे रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हमारा लक्ष्य देश भर में राजमार्गों को मजबूत करना है, विशेष रूप से पूर्वोत्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों में, जहां सड़कें अमेरिका के समकक्ष होंगी।” इस रणनीति से निजी निवेश को आकर्षित करने में भी मदद मिल रही है, जिसके लिए 2025-26 में ₹35,000 करोड़ के निजी निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, TOT मॉडल में कुछ चुनौतियां देखी गई हैं, जहां पिछले कुछ बंडलों को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इसके जवाब में, NHAI ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है, जिसमें हर तिमाही में तीन TOT बंडल पेश किए जाएंगे—छोटे (₹2,000 करोड़), मध्यम (₹5,000 करोड़), और बड़े (₹9,000 करोड़)। यह विविधता विभिन्न प्रकार के निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करेगी।
NHAI की परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति ने भारत के सड़क क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। ₹1.4 लाख करोड़ की यह उपलब्धि न केवल वित्तीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के बुनियादी ढांचे को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।